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बिलासपुर में ई-रिक्शा चोरी के केस पर हाईकोर्ट की सख्ती: चीफ जस्टिस ने SP के हलफनामा को किया खारिज, बिना दस्तावेज के अधूरी जानकारी देने पर जताई नाराजगी

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बिलासपुर में ई-रिक्शा चोरी के केस पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने एसपी रजनेश के हलफनामा पर नाराजगी जताते हुए उसे खारिज कर दिया है। साथ ही कहा कि सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ शपथपत्र प्रस्तुत करने कहा है। वहीं, अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई भी कार्रवाई पर रोक लगा दी है।

दरअसल, पूरा मामला कोटा थाना क्षेत्र का है। 20 जनवरी को प्रतीक साहू की ई-रिक्शा चोरी हो गई। जिस पर उसने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जांच के बाद पुलिस ने 28 फरवरी को एक व्यक्ति के पास से ई-रिक्शा बरामद किया। उक्त व्यक्ति ने बताया कि उसने ई-रिक्शा को 20 हजार रुपए में खरीदा था। लेकिन, पुलिस ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और उसे छोड़ दिया।

प्रार्थी को थाने बुलाकर गाली देकर धमकाया याचिकाकर्ता प्रतीक साहू का आरोप है कि उसे थाने बुलाकर गाली-गलौज और धमकी दी। कागजात दिखाने के लिए दबाव बनाया गया। पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ प्रतीक साहू ने एडवोकेट अमित कुमार के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिस पर चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने पिछली सुनवाई के दौरान एसपी को शपथपत्र के साथ जवाब मांगा। साथ ही जांच अधिकारी को सभी संबंधित दस्तावेज पेश करने के निर्देश दिए थे।

अधूरा शपथपत्र देख चीफ जस्टिस ने लगाई कड़ी फटकार बुधवार को इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच में हुई। इस दौरान एसपी ने शपथपत्र के साथ जवाब दिया। जिसमें कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया था, जिस पर चीफ जस्टिस ने कड़ी फटकार लगाई। चीफ जस्टिस ने कहा कि एसपी एक आइपीएस अधिकारी हैं और उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। उन्होंने शासकीय अधिवक्ता से पूछा कि, औपचारिक शपथपत्र क्यों पेश किया गया और एसपी को अदालत में भेजने की बात भी कही। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाए।

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