छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना से महासमुंद की अनुसुइया बाई चक्रधारी को आर्थिक संबल मिला। इस सहायता राशि से उसने अपने हुनर को नई उड़ान दी, पारंपरिक कला को पुनर्जीवित कर सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनीं।#महतारी_वंदन_योजना
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अनुसुइया बाई की सरकारी सहायता से पुनर्जीवित हुई पारंपरिक कला
छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना प्रदेश की महिलाओं के लिए एक नई आशा बनकर आई है। यह योजना न केवल आर्थिक सहयोग प्रदान कर रही है, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
महासमुंद ब्लॉक परियोजना (ग्रामीण) सेक्टर झलप 01 के ग्राम बरेकेलकला की गृहिणी अनुसुइया बाई चक्रधारी की है, जो अपने परिवार की आर्थिक तंगी से जूझ रही थीं, इस योजना से लाभान्वित होकर अपनी पारंपरिक कला को पुनर्जीवित कर सकीं। इस योजना के तहत हर माह मिलने वाली 1000 रुपये की सहायता राशि को उन्होंने अपने पारंपरिक मिट्टी के बर्तन बनाने के काम में लगाया। यह उनकी पारिवारिक कला थी, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण वे इसे आगे नहीं बढ़ा पा रही थीं। सरकारी सहायता राशि से उन्होंने कच्चा माल, रंग और अन्य जरूरी सामग्री खरीदी। धीरे-धीरे उनका व्यवसाय बढ़ा, और उनके मिट्टी के सुंदर व हस्तनिर्मित बर्तन बाजार में पसंद किए जाने लगे। अब वे घर के खर्चों में योगदान देने के साथ-साथ बच्चों की शिक्षा का भी जिम्मा उठा रही हैं। महतारी वंदन योजना न केवल आर्थिक संबल प्रदान कर रही है, बल्कि महिलाओं को स्वावलंबी और सशक्त बना रही है।