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March 14, 2025

"सच उजागर, झूठ बेनकाब!"

"The truth revealed, the lies exposed!"

छत्तीसगढ़ का बहुचर्चित शराब घोटाला केस में 773 पन्नों का चालान पेश: ED ने चालना में बताया कवासी लखमा को पूरे घोटाले की जानकारी थी, आज कोर्ट में पेशी

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www.expose36garh.com
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED ने कवासी लखमा के खिलाफ चालान पेश किया है। बुधवार को कोर्ट में ED ने 3773 पन्नों का चालान पेश किया गया। चालान में कहा गया है कि पूर्व आबकारी मंत्री लखमा को इस घोटाले की पूरी जानकारी थी। उन्हें हर महीने 1.5 करोड़ रुपए मिलते थे।

साथ ही कहा गया है कि शराब घोटाले में वे सिंडिकेट के प्रमुख थे और उनसे सिंडिकेट को पूरा सहयोग प्राप्त था। शराब नीति में बदलाव करने में भी लखमा की भूमिका अहम थी। इसके अलावा चालान में शराब दुकान में निरीक्षण करने से पहले आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी से अनुमति लेने का भी जिक्र है। आज रायपुर कोर्ट में लखमा को पेशी है
रायपुर के ED कोर्ट में कवासी लखमा की पेशी।
इन्हें बनाया गया आरोपी

ED ने विशेष न्यायाधीश को चालान के संबंध में बताया कि शराब घोटाले में अब तक कुल 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसमें कवासी लखमा, अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम सांई ब्रेवरेज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट और सिद्धार्थ सिंघानिया सहित अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।

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रायपुर कोर्ट में कवासी लखमा की आज पेशी है। सुनवाई के दौरान उनकी फिर से न्यायिक रिमांड बढ़ सकती है। ED ने 28 दिसंबर को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, उनके बेटे हरीश कवासी के घर छापा मारा था। 15 जनवरी को लखमा को गिरफ्तार किया गया था। 21 जनवरी से लखमा रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं।

ED का आरोप- लखमा सिंडिकेट का अहम हिस्सा थे

ED का आरोप है कि पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। लखमा के निर्देश पर ही सिंडिकेट काम करता था। इनसे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी।वहीं शराब नीति बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे छत्तीसगढ़ में FL-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई।

वहीं ED का दावा है कि लखमा को आबकारी विभाग में हो रही गड़बड़ियों की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने उसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया।

‘कमीशन के पैसे से बेटे का घर बना’

ED के वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि, 3 साल शराब घोटाला चला। लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे। इस दौरान 36 महीने में लखमा को 72 करोड़ रुपए मिले। ये राशि उनके बेटे हरीश कवासी के घर के निर्माण और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण में लगे।

ईडी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है। शराब सिंडिकेट के लोगों की जेबों में 2,100 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध कमाई भरी गई।

घोटाले की रकम 2161 करोड़

निदेशालय की ओर से लखमा के खिलाफ एक्शन को लेकर कहा गया कि, ED की जांच में पहले पता चला था कि अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य लोगों का शराब सिंडिकेट छत्तीसगढ़ राज्य में काम कर रहा था। इस घोटाले की रकम 2161 करोड़ रुपए है। जांच में पता चला है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से पीओसी से हर महीने कमिशन मिला है ।

2019 से 2022 के बीच चले शराब घोटाले में ED के मुताबिक ऐसे होती थी अवैध कमाई।

पार्ट-A कमीशन: सीएसएमसीएल यानी शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय द्वारा उनसे खरीदी गई शराब के प्रति ‘केस’ के लिए डिस्टिलर्स से रिश्वत ली जाती थी।
पार्ट-B कच्ची शराब की बिक्री: बेहिसाब “कच्ची ऑफ-द-बुक” देशी शराब की बिक्री हुई। इस मामले में सरकारी खजाने में एक भी रुपया नहीं पहुंचा और बिक्री की सारी रकम सिंडिकेट ने हड़प ली। अवैध शराब सरकारी दुकानों से ही बेची जाती थी।
पार्ट-C कमीशन: शराब बनाने वालों से कार्टेल बनाने और बाजार में निश्चित हिस्सेदारी दिलाने के लिए रिश्वत ली जाती थी। एफएल-10ए लाइसेंस धारकों से कमीशन ली गई जिन्हें विदेशी शराब के क्षेत्र में कमाई के लिए लाया गया था।
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