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March 14, 2025

"सच उजागर, झूठ बेनकाब!"

"The truth revealed, the lies exposed!"

जिला गठन के 5 साल में 5 महिला कलेक्टरों ने संभाला पदभार, किसी ने शिक्षा तो किसी ने महामारी की लड़ाई में निभाई अहम भूमिका

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Women’s Day Special 2025 : गौरेला पेण्ड्रा मरवाही. छत्तीसगढ़ का 28वां जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही के गठन को पूरे 5 साल हो चुकें है और इस जिले के नाम एक अद्भुत संयोग भी दर्ज हुआ है
आई आपको बताते हैं क्या है वह विशेष बात जो इस जिले को सबसे अलग बनाती है

10 फरवरी, 2020 को अस्तित्व में आने के बाद

इस जिले में अब तक कुल 6 कलेक्टरों ने अपनी सेवाएं दी है,

जिसमें सबसे खास बात यह है कि इन 6 कलेक्टर में से 5 कलेक्टर महिलाएं रही है.

इन सभी महिला कलेक्टरों की कार्यकुशलता और कार्यक्षमता का ही परिणाम है कि आदिवासी बहुल इस जिले में बीते कुछ वर्षों में सबसे ज्यादा परिवर्तन देखने को मिला है. इन सब के कारण भारत के नक्शे में पर्यटन के लिहाज से जिले को नई पहचान मिली है. गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला में महिला कलेक्टर होने के कारण आसानी से महिलाओं की समस्याओं के लिए सहजता से उपलब्ध हो जाती थी. साथ ही आम आदमी, गरीब और महिला अपनी समस्या को बड़ी आसानी से इनके सामने रख पाते थे

पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा 10 फरवरी 2020 को गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला का गठन किया गया था. जिसमें सबसे पहले महिला कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी (10-2-2020 से 26-05-2020) रही. इनका कार्यकाल अपेक्षाकृत कम समय का रहा कोरोना काल होने के बाद इन्होंने जिले में इस महामारी के ख़िलाफ़ लड़ने में अच्छी मुहीम चलाई थी.

गौरेला पेंड्रा मरवाही की दूसरी महिला कलेक्टर नम्रता गांधी (1-1-2021 से 14-01-2022) रही है, इसके पहले इन्होने पेंड्रारोड SDM के रूप में सेवाएं दी थी. इसलिए ये जिला इनके लिए जाना पहचाना था. कलेक्टर नम्रता गांधी के कार्यकाल के दौरान कलेक्टर रूम का दरवाजा हमेशा खुला रहता था. इनका मानना था कि वशोषित गरीबों और जरूरतमंदों के लिए सदैव खड़ी हैं. वर्तमान में वह केंद्र सरकार की प्रतिनियुक्ति के पर कार्य करने जा रही हैं.

जिले की तीसरी महिला कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी (17-01-2022 से 30-1-2023) रही, ये जिला भी इनके लिए नया नहीं था. इसके पूर्व ये भी पेंड्रारोड SDM के रूप में सेवाएं दे चुकी थी. पहली बार कलेक्टर बनी ऋचा प्रकाश चौधरी ने बहुत ही कम समय में प्रशासन पर अच्छी पकड़ बना ली थी. जिससे अधिकारियों और कर्मचारियों से काम लेना इन्हें बखूबी आता था. काम के प्रति ईमानदार और जिले को रचनात्मक और पर्यटन में विस्तार इन्ही के कार्यकाल से प्रारंभ हुआ था, जो कि जिले की पहचान बन गया, बेदाग छवि और कड़क मिजाज ऋचा प्रकाश चौधरी चांपा, जांजगीर और दुर्ग जिले में सेवा देने के बाद केंद्र की प्रतिनियुक्ति पर जा रही हैं.

जिले की चौथी महिला कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया (30-01-2023 से 29-02-2024) थी. इनके लिए भी यह जिला नया नहीं था. इन्होंने भी पूर्व में पेंड्रारोड SDM की सेवाएं दे चुकी हैं. जिले के मिजाज और यहां की तसीर से भलीभांति परिचित थी, जिसके कारण कलेक्टर पद पर रहते हुए कार्य करने में आसानी रही. इनकी सबसे खास बात यह रही कि सौम्य स्वभाव की प्रियंका महोबिया जिले के सभी लोगों के लिए आसानी से उपलब्ध रहती थी और तमाम शिकायतों का निपटारा बड़ी संख्या में इनके कार्यकाल में किया गया.

वहीं जिले की वर्तमान और पांचवी महिला कलेक्टर कमलेश लीना मंडावी है. जो कि पिछले एक वर्ष से अधिक समय से कलेक्टर के रूप में सेवाएं दे रही है. बेमेतरा CEO पद के बाद पहली बार जिले की कलेक्टर बनी लीना मंडावी अपने विनम्र स्वभाव के लिए जानी जाती हैं. इनकी सबसे बड़ी विशेषता रही है कि इन्होंने आदिवासी जिले में शिक्षा के ऊपर खास ध्यान दिया है. आदिवासी जिले में शिक्षा का स्तर उठाने के लिए ये लगातार स्कूलों का सघन दौरा करती रहती हैं. यही नहीं जिले के पर्यटन स्थलों पर महिलाओं की ही भूमिका रही हैं, 4000 महिला समूहों का गठन किया गया. जिसमें पिछले एक वर्ष के दौरान 1700 से अधिक महिलाओं को लोन दिला कर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया गया है.

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