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फेमस होने लिए चोरी को अपना शौक बना लेने वाला चिंदी चोर उर्फ लोकेश श्रीवास फिर सुर्खियों में है। देशभर में उसके नाम की चर्चा हो, इसलिए उसने पुश्तैनी काम छोड़कर चोरी शुरू की। पहली बार में पकड़ा गया, जेल से छूटने के बाद पिछले महीने दिल्ली के चांदनी चौक के थोक कपड़ा बाजार की चार दुकानों से करीब 10 लाख रुपए की नकदी और लाखों के माल उड़ा लिए। चोरी करने के पैटर्न और टेक्निकल एविडेंस के आधार दिल्ली पुलिस उसे ढूंढते हुए भिलाई पहुंच गई। दुर्ग पुलिस की मदद उसे वैशाली नगर से गिरफ्तार किया गया, वह रिश्तेदार के घर में छुपकर बैठ था। दिल्ली पुलिस आरोपी लोकेश श्रीवास को अपनी कस्टडी में लेकर चली गई है।
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फेमस होने के लिए की चोरी
बेमेतरा के रहने वाला लोकेश श्रीवास कम समय में मशहूर होना चाहता था, इसलिए उसने सैलून दुकान की कैंची-कंधी का काम छोड़ दिया। शार्टकट से नाम कमाने के लिए चोरी करना शुरू किया। करीब 11 साल पहले 2014 में उसने पहली चोरी भिलाई में की। फिर बेमेतरा, बालोद, बिलासपुर समेत कई अन्य जिलों में छोटी-मोटी चोरी करता रहा। लेकिन बड़ी पहचान उसे भिलाई से मिली। उसने 14 फरवरी 2020 में आकाशगंगा के मार्केट में करीब 2.50 करोड़ रुपए के गहने चुराए। इस वारदात के बाद वह चोरी करने के पैटर्न से सुर्खियों में आया था।
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ऐसे दिया वारदात को अंजाम
दुकान में घुसने के लिए तीन दिन छत पर छुपा रहा। फिर पूरी तैयारी के साथ चोरी की। हर बार वह वारदात के बाद भिलाई में आकर छुप जाता था। हाल ही में बिलासपुर में कई दुकानों में चोरी के बाद भिलाई पहुंचा था। दिल्ली में पहली बार उसने ज्वेलरी शोरूम में चोरी की थी, तब भी भिलाई से ही पकड़ा गया और अब भी चांदनी चौक में चोरी करने के भिलाई से ही पकड़ा गया। फिल्मी चोर उर्फ लोकेश हर बार चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद वह 10 से 15 दिन के भीतर ही गिरफ्तार हो जाता है। सभी बड़ी चोरियां उसने अकेले ही की। क्योंकि चोरी का पैटर्न एक समान होता है। और पुलिस इसके पैटर्न को देखते ही समझ जाती थी कि यह कोई और नहीं बल्कि यही फिल्मी चोर है और इसको पकड़ने का भी सबसे सरल तरीका यही है कि यह कल कुछ भी वारदात करने के बाद में सीधा सा भिलाई में जाकर छुप जाता था और हमेशा यह भिलाई से पकड़ा जाता है
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